गण गुण मिलान
कुण्डली मिलान भाग – 10
पिछले अंक मे हमने ग्रह मेेैत्री मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की।
गण मिलान को कुण्डली मिलान 6 अंक आवंटित किया जाता है। गण मिलान एक दूसरे के स्वभाव और व्यावहारिक चरित्र मिलान के लिए किया जाता है। मेरा मतलब एक – दूसरे के बारे में टेम्पर पर नियंत्रण करने के लिए।
इसके लिए हमारे प्राचीन महर्षियों ने नक्षत्र विशेष मे चंद्रमा की स्थिती के अनुसार जातक के व्यवहार के हिसाब से वहाँ व्यवहार के अनुसार 27 नक्षत्र को 3 भाग में विभाजित किया है।
1) देव गण – निम्नलिखित जन्मनक्षत्र वाले जातक –
अश्विनी,मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, हस्ता, स्वाति, अनुराधा, श्रवणा और रेवती
2) मानव गण – निम्नलिखित जन्मनक्षत्र वाले जातक –
भरणी, रोहणी, आद्रा, पुर्वफाल्गुणी, उत्तरफाल्गुणी, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, पुर्वभद्रापद और उत्तरभद्रापद
3)दानव/ राक्षस गण — निम्नलिखित जन्मनक्षत्र वाले जातक—
कृतिका,अश्लेषा, माघा, चित्रा, विशाखा,ज्येष्ठा, मूला, धनिष्ठा और शतभिषा
ऊपर दिये गये सारणी के अनुसार हम 0-6 के बीच नंबर आवंटित करते है।
अगले अंक मे हम भूकुट मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त करेगे ।
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