भूकूट मिलान
कुण्डली मिलान भाग – 11
पिछले अंक मे हमने गण मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की।
चंद्रमा जन्मसमय जिस खास राशी मे हो उसे भूकुट कहते है अर्थात जन्म राशी जातक/जातिका के भूकुट को बताते है।
भूकूट मिलान की विधी
भूकूट गुण मिलान को 7अंक आवंटित किया गया है। भूकुट मिलान के लिए हम वर और कन्या के भूकूट यानि जन्म राशी को एक दुसरे से गिनती करते है जिससे हमे निम्नलिखित भूकुट संबध प्राप्त होगा
1st – 7th (सम सप्तक)– इस संबंध को शुभ माना जाता है क्योकि इस राशी संबंध मे विवाह मे एक दुसरे के प्रति आकर्षण बना रहता है और अच्छे संतान की उत्पति का कारक होता है।
2nd – 12th (द्वि द्वादश)— इस संबंध को अशुभ माना जाता है क्योकि इस राशी संबंध मे धन के मामले मे आपसी सामंजस्य ठीक नही होते है जो पारिवारिक मतभेद के कारक हो सकते है।
3rd-11th(त्रि ऐकादश) — इस संबंध को सबसे शुभ माना जाता है। यह वंश वृद्धि, धन वृद्धि, प्रेम वृद्धि का सूचक है।
4th-10th(चतुर्थ दशम) – इस संबंध मे आपसी तालमेल और लगाव अच्छा होता है। यह भी शुभ माना जाता है।
5th-9th(नवपंचम) – इस संबंध को अशुभ माना जाता है। यह संबंध आपस मे अहम की समस्या़, वैराग्य भाव, संबंध मे अनिच्छा का संकेत देता है। जो वंश वृद्धि और मानसिक अवसाद का कारक हो सकता है।
6th-8th(षड्अष्टक) — इस संबंध को सबसे अशुभ माना जाता है। यह संबंध आपसी झगड़े, कलह, अलगाव, स्वास्थय की समस्या़ का कारक हो सकता है।
भूकूट मिलान मे अंक आंवटन
ऊपर दिये गये सारणी के अनुरुप हम भूकुट मिलान मे अंक आंवटित करते है। यदि 2nd-12th, 5th-9th, 6th-8th संबंध हो तो इसे भूकूट दोष माना जाता है। कई बार यह दोष समाप्त हो जाता है जो अष्टकुट दोष समाप्ति अध्ययाय मे जानकारी प्राप्त करेगे ।
अगले अंक मे नाड़ी मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त करेगे ।
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