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कुंडली के अष्टम भाव में शुक्र का प्रभाव

कुंडली के अष्टम भाव में शुक्र का प्रभाव


1)कुंडली के अष्टम भाव में शुक्र का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम अष्टम भाव और शुक्र के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे।


2) अष्टम भाव में शुक्र को शुभ माना जाता है, क्योंकि अष्टम भाव में स्थित शुक्र उत्तम फल देता है। जातक दीर्घायु हो सकता है। जातक धनी होगा और लग्जरियस लाइफ स्टाइल का जीवन व्यतीत करेगा। अगर हम बात करें तो ऐसा कर सकते हैं कि जातक एक राजा के समान जीवन व्यतीत करेगा।


3) अष्टम भाव में स्थित शुक्र जातक को यात्रा प्रिय बनाता है। जातक के बहुत सारे यात्राएं हो सकते हैं। अष्टम भाव जातक की आयु से संबंधित होता है। अतः नैसर्गिक शुभ ग्रह के रूप में तथा आयु कारक शनि के मित्र के रूप में, अष्टम भाव में स्थित शुक्र जातक को दीर्घायु या अच्छी उम्र देता है।


4) अष्टम भाव का मांग्लय स्थान या मंगलसूत्र से संबंधित भाव भी माना जाता है। अतः अष्टम भाव में स्थित शुक्र स्त्री जातक को शादी के उपरांत सभी प्रकार के सांसारिक सुख प्रदान करता है। जातिका का पति धनवान होगा या उसकी आर्थिक स्थिति में शादी के बाद सुधार होगा।


5) अष्टम भाव में स्थित शुक्र जातक को आस्तिक बनाता है। जातक को भगवान के या पूजा पाठ में बहुत ज्यादा विश्वास नहीं होगा। जातक सांसारिक सुख की ओर आकर्षित होगा। लेकिन जातक को अध्यात्म में छिपे गूढ़ रहस्य की को जानने की क्षमता भी होगी।


6)अष्टम भाव में स्थित शुक्र, जातक को सरकार या सरकारी धन से लाभ दिलाता है। जातक स्वभाव से प्रैक्टिकल होगा और उसका नजरिया भौतिकवादी होगा। जातक किसी से बहुत ज्यादा लगाव नहीं रखेगा।


7) जातक की पत्नी को स्वास्थ्य से संबंधित समस्या हो सकती है। जातक या जातक की पत्नी को हार्मोनल दिक्कत हो सकती है। यदि शुक्र अष्टम भाव में पीड़ित हो तब यह तलाक या जीवनसाथी की मृत्यु भी दे सकता है। अष्टम भाव में स्थित शुक्र जातक को सेक्सुअल समस्या भी दे सकता।

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