Astro Pankaj Seth

कुंडली के पंचम भाव में पंचमेश का प्रभाव

कुंडली के पंचम भाव में पंचमेश का प्रभाव

1) कुंडली के पंचम भाव में पंचमेश का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम पंचम भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। पंचम भाव का स्वामी स्वयं के भाव से मैं स्थित है अतः पंचम अतः प्रथम भाव के स्वामी का प्रथम भाव में क्या फल होता है हम इसके बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे।

2) पंचम भाव संतान से संबंधित होता है। यदि पंचम भाव का स्वामी पंचम भाव में स्थित हो तब जातक को उत्तम संख्या में संतान सुख प्राप्त होता है। जातक के बच्चे संस्कारी और अच्छे प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाले होते हैं। पंचमेश पापी ग्रह से पीड़ित हो तब संतान उत्पत्ति में समस्या हो सकती है।

This image has an empty alt attribute; its file name is wpid-picsart_10-24-12-844095918.png

3)पंचम भाव बुद्धि से संबंधित होता है। यदि पंचम भाव का स्वामी पंचम भाव में स्थित हो तब जातक बुद्धिमान व्यक्ति होता है। जातक अपनी बुद्धि का उत्तम उपयोग करता है। जातक अपने बुद्धि के लिए प्रसिद्ध होता है।

4) जातक मानसिक रूप से सक्षम होता है। जातक दयालु प्रवृत्ति का व्यक्ति होता है। जातक दूसरों की सहायता करता है।

5) पंचम भाव में स्थित पंचमेश के कारण जातक उत्तम सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। जातक अपने ज्ञान के लिए प्रसिद्ध हो सकता है। जातक विद्वान व्यक्ति होगा। जातक को अच्छी अच्छी शिक्षा प्राप्त होगी।

6) पंचम भाव मंत्र और ज्ञान से संबंधित होता है। यदि पंचम भाव का स्वामी पंचम भाव में स्थित हो तब जातक को मंत्रों की अच्छी जानकारी होती है। जातक को वेद, वेदंगा और दूसरे शास्त्रों की भी उत्तम जानकारी होती है। जातक के मित्र भी ज्ञानवान व्यक्ति होंगे। जातक गणित या गणना में माहिर होगा। जातक किसी भी मंत्र को सिद्ध करने में सक्षम होगा।

7)पंचम भाव आस्था से संबंधित होता है। यदि पंचम भाव का स्वामी पंचम भाव में स्थित हो तब जातक को भगवान पर अच्छी आस्था होती है। जातक भगवान की कृपा दृष्टि का पात्र होता है। जातक धर्म की ग्रोथ के लिए कार्य करेगा। जातक किसी धार्मिक संस्था का मुख्य व्यक्ति हो सकता है।

8) पंचम भाव पिछले जन्म के पुण्य से संबंधित होता है। यदि पंचम भाव का स्वामी पंचम भाव में स्थित हो तब जातक अपने पिछले जन्म के सुकर्मों के कारण इस जन्म में सफलता प्राप्त करता है। जातक धार्मिक व्यक्ति होगा और जातक पारिवारिक और सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए कार्य करेगा।

9) यदि पंचम भाव का स्वामी पंचम भाव में स्थित हो तब जातक सरकार प्रशासन और अपने प्रमुख व्यक्ति की सहायता प्राप्त करता है। जातक अपने बॉस का या सरकार का या सरकारी संस्था का सलाहकार हो सकता है या सेक्रेटरी हो सकता है या मंत्री हो सकता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *