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कुंडली के दशम भाव में सप्तमेश का प्रभाव

कुंडली के दशम भाव में सप्तमेश का प्रभाव

1) कुंडली के दशम भाव में सप्तमेश का प्रभाव जानने से पहले हम सप्तम भाव और दशम भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। सप्तम भाव का स्वामी स्वयं के भाव से चतुर्थ भाव में स्थित है, अतः प्रथम भाव के स्वामी का चतुर्थ भाव में क्या फल होता है, हम इसके बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे।

2)सप्तम भाव दशम भाव का भावत भावम भाव होता है। अतः सप्तम भाव का स्वामी दशम भाव में स्थित हो तब दशम भाव को नैसर्गिक बल प्राप्त होता है।

3) दशम भाव कर्म स्थान के रूप में भी जाना जाता है। यदि दशम भाव कुंडली में बलि हो तब जातक अपने प्रोफेशन और कार्यक्षेत्र में हमेशा एक्टिव रहता है और सक्रिय भागीदार भागीदारी निभाता है। जातक अपने प्रोफेशनल लाइफ में अच्छी सफलता प्राप्त करता है। जातक अपने कार्य क्षेत्र में एक अच्छा लीडर बनकर उभरता है। जातक को उत्तम नाम और प्रसिद्धि प्राप्त होता है। यदि सप्तम भाव का स्वामी दशम भाव में योगकारक ग्रह से संबंध बनाएं तब जातक अपने जीवन में बहुत ही अच्छी और उत्कृष्ट सफलता प्राप्त करता है।

4) सप्तम भाव जीवनसाथी से संबंधित होता है। दशम भाव प्रोफेशन से संबंधित होता है। यदि सप्तम भाव का स्वामी दशम भाव में स्थित हो तब जातक की पत्नी जातक के प्रोफेशनल लाइफ में सहायता करती है। जातक की पत्नी कामकाजी महिला हो सकती है। जातक की पत्नी स्वतंत्र स्वभाव वाली और तेज तरार महिला होती है। जातक को अपनी पत्नी से सुख प्राप्त होता है। साथ ही जातक की पत्नी जातक के प्रोफेशनल लाइफ में बहुत ज्यादा दखल देती है।

5) सप्तम भाव का स्वामी दशम भाव में स्थित हो तो जातक उत्तम धन अर्जित करता है। जातक को एक कम से कम एक पुत्र होने की संभावना होती है जो जातक के मृत्यु उपरांत वैदिक क्रिया कर्म करेगा। जातक की समाज में अच्छी इमेज होती है। जातक दीर्घायु हो सकता है।

6) सप्तम भाव जन्म स्थान से दूर के स्थान से संबंधित होता है। यदि दशम सप्तमेश दशम भाव में स्थित हो तब जातक अपने प्रोफेशन के लिए विदेश यात्रा पर जा सकता है। जातक अपनी मातृभूमि को अपने प्रोफेशन के लिए छोड़ सकता है। जातक विदेशी भूमि में ज्यादा सफलता प्राप्त करेगा या जातक जन्म स्थान से दूर अत्यधिक सफलता प्राप्त करेगा। जातक की प्रसिद्धि विदेशी भूमि पर अच्छी होगी।

7) सप्तम भाव राजनीति से संबंधित होता है। यदि सप्तम भाव का स्वामी दशम भाव में स्थित हो तब जातक राजनीति में सक्रिय होता है। जातक की राजनीति में अच्छी जान पहचान और पकड़ होती है। अगर कुंडली में योग हो तब जातक एक सक्सेसफुल पॉलीटिशियन बन सकता है। अन्यथा जातक को सरकार या अथॉरिटी से लाभ की संभावना बनती है।

8) यदि सप्तम भाव का स्वामी दशम भाव में पीड़ित हो तब अच्छे फल में कमी आएगी और बुरे फल में बढ़ोतरी होगी।

9) यदि सप्तम भाव का स्वामी दशम भाव के स्वामी के साथ दशम भाव में स्थित हो तब जातक की समाज में अच्छी प्रसिद्धि होती है। जातक उदार स्वभाव का होता है। जातक को अपने प्रोफेशनल लाइफ में अच्छी सफलता प्राप्त होती है। जातक की पत्नी धार्मिक और उत्तम स्वभाव वाली महिला होती है। जातक धनी और समृद्ध होता है।

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