केतु देव आध्यात्मिकता के कारक

केतु देव 1) स्थिति – असुर 2) दृष्टि – खुद की स्थिति से 5 वीं और 9 वीं भाव, और राशी दृष्टि 3) किसी भी राशि का स्वामी नहीं है। लेकिन वह खुद की दशा के दौरान भाव जहां बैठते हैं, उस भाव के स्वामी की तरह व्यवहार करते हैं। 4) उच्च राशी – धनु राशि 5) मूल त्रिकोना राशि – मीन राशि और वृश्चिक अपना घर है। 6) मित्रता – मंगल ग्रह के समान है। लेकिन सूर्य और चंद्रमा केतु का शत्रु विचार है। 7) वश्य -बहुपद प्राणी 8) वर्ण- मल्लेचछ 9) दिशा-दक्षिण पश्चिम 10) दूरी- कम दूरी( सात […]
» Read more