नवमेश दशम भाव में फल — राजयोग, सफलता और ईश्वरीय कृपा
भाग्येश का दशम भाव में होना जीवन में उस क्षण को दर्शाता है जब मेहनत और आस्था एक ही दिशा में चल पड़ते हैं। ऐसे जातक अपनी लगन, ईमानदारी और धर्मपरायणता से धीरे-धीरे अपने भाग्य को गढ़ते हैं। उनकी यात्रा यह सिखाती है कि भाग्य कोई संयोग नहीं, बल्कि कर्म का प्रतिध्वनि (reflection) है।
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